Champa rautela

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अचानक तुम

अचानक तुम, 


जैसे बारिश चाहती हो तुमसे मिलना, 
हवाएं चाहती हो तुम्हें ढूंढना, 
यादें चाहती हो तुम्हारे साथ खेलना, 
चाय चाहती हो तुम्हें टपरी पर बुलाना, 

अचानक तुम, 
ख़त हैं आज कहीं गुम, 
कलम भी खोज रही हैं नए शब्द, 
शब्द के पीछे हैं जाने कितने वक्त,


अचानक tum

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12 Comments

Babita patel

12-Mar-2023 03:58 PM

nice

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Radhika

09-Mar-2023 12:54 PM

Nice

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Bahut khub 👌

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